Kharsia News : शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया के हिन्दी विभाग में मनाई गई हिन्दी साहित्य जगत के शीर्षस्थ व्यंग्यकार डॉ. हरिशंकर परसाई जी की जयंती

  • छात्र मंचासीन में परसाई जयंती

खरसिया। शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया के हिन्दी विभाग में दिनांक 22 अगस्त को हिन्दी साहित्य जगत के शीर्षस्थ व्यंग्यकार डॉ० हरिशंकर परसाई जी की जयंती मनाई गई। छात्रों के बौद्धिक एवं साहित्यिक स्तर को ऊँचा उठाने के लिए हिन्दी विभाग हमेशा तत्पर रहता है। इसके लिए विभागाध्यक्ष डॉ० आर के टण्डन अभिनव प्रयोग भी करते हुए दिखाई देते हैं। व्यंग्यकार परसाई जी की जयंती के अवसर पर प्रभारी प्रो० जे आर कुर्रे के संयोजन तथा हिन्दी भाषा साहित्य परिषद के आयोजन में छात्रों को मंच पर आसीन कराते हुए मंचीय कर्त्तव्य का बोध कराया गया।

एम ए हिन्दी के छात्र भूपेन्द्र राठिया को मुख्य अतिथि, लीलाधर राठिया को अध्यक्ष, पंकज डनसेना, हेमलता सिदार और रूक्मणी राठिया को विशिष्ट अतिथि बनाया गया। इन सभी ने अपने उद्बोधन में परसाई जी के जीवन परिचय, निबंध संग्रहों, पुरस्कार आदि के बारे बताया। छात्रों के बीच से ही छाया राठौर ने राज्य गीत की प्रस्तुति दी तथा मंच संचालन किया और रोहित चन्द्रा ने आभार व्यक्त किया। विभाग के प्रोफेसर दर्शक दीर्घा में बैठकर मंचासीन छात्रों की हौसला आफजाई करते दिखाए दिए।

कार्यक्रम की पूरी गतिविधि सम्पन्न होने के उपरान्त पृथक-से डॉ० आर के टण्डन, प्रो0 जयराम कुर्रे व डॉ० श्रीमती आकांक्षा मिश्रा ने भी परसाई जी के प्रमुख निबंध संग्रह – विकलांग श्रद्धा का दौर, ठिठुरता हुआ गणतंत्र, वैष्णव की फिसलन, बेईमानी की परत, पगडण्डियों का जमाना, शिकायत मुझे भी है, अपनी-अपनी बीमारी, सदाचार का ताबीज, निठल्ले की डायरी आदि में उल्लेख व्यंग्यों का जिक्र किया।

सुनिता मिरी, देविका राठिया, हेमलता, अर्चना राठौर, अनिषा घृतलहरे, गीता कुमारी, हेमलता, जयंती डनसेना, चम्पा सिदार, बुबुन घृतलहरे, यामिनी राठौर, श्रेया सागर, शशिकला महंत, बिन्दिया रानी, देवलता साहू, डिगेश्वरी दर्शन, चन्द्रकान्ति, पायल जायसवाल, अन्नपूर्णा जायसवाल, दीक्षा जायसवाल, रोहित कुमार, भूपेन्द्र राठिया, पंकज डनसेना, लीलाधर राठिया, जयप्रकाश, रोशन, राजेश साहू, हंसा साहू, सुप्रिया भारद्वाज, छाया राठौर, अमन, दामोदर पटेल, मुकेश राठिया, चक्रधर राठिया, रिया राठौर व लिलाक्षी राठौर सहित अनेक छात्रों ने इस जयंती का साहित्यिक लाभ उठाया। छात्रों को मंच पर आसीन देखकर अन्य छात्रों में आंतरिक खुशी हुई कि अगले कार्यक्रमों में हमें भी ऐसा ही अवसर मिलेगा।