Pitru Paksha Upay : श्राद्ध पक्ष में पितरों की शांति के लिए करें ये काम, इस तरह खिलाएं अपनो पूर्वजों को भोजन
भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तिथि तक पितृ पक्ष का समय होता है। इस दौरान जो भी पितरों के लिए श्रद्धा सहित तर्पण, श्राद्ध व पिंडदान करता है, पितृ गण परिजनों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। उक्त बातें पितृ पक्ष के महत्व को बताते हुए आचार्य गौतम चतुर्वेदी ने कही। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म के अनुसार शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में पिंडदान और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
श्रद्धा और कृतज्ञता अभिव्यक्त करने का तरीका है श्राद्ध व तर्पण
पितृ पक्ष में मृत परिजनों को श्रद्धा पूर्वक याद करने को श्राद्ध कहा जाता है। यह पितरों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता अभिव्यक्त करने का एक तरीका है। श्राद्ध के दौरान सबसे पहले प्रातःकाल स्नानादि करने के बाद हाथ में जल, कुश, अक्षत, तिल आदि लेकर पितरों को जल अर्पित करने को तर्पण कहते हैं।...