दुष्कर्म के बाद हत्या ,आरोपी को लैलूंगा पुलिस ने किया गिरफ्तार

● फरार आरापियों की धरपकड़ हुई तेज, लैलूंगा पुलिस ने दुष्कर्म के बाद हत्या के फरार आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा जेल.
रायगढ़। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायगढ़ सदानंद कुमार द्वारा क्राईम मीटिंग में गंभीर मामलों के फरार आरोपियों के विरूद्ध धारा 173 (8) सीआरपीसी की कार्यवाही कर चालान पेश किये गये प्रकरणों की समीक्षा किया गया जिसमें फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये पुन: ठोस प्रयास करने के दिशा निर्देश दिये गये थे निर्देशों के तारतम्य में एसडीओपी धरमजयगढ़ श्री दीपक मिश्रा द्वारा थाना लैलूंगा के दुष्कर्म समेत एट्रोसिटी एक्ट के मामले में फरार आरोपी सूरज महंत निवासी ग्राम गारे थाना तमनार को 08 दिसंबर को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया था । आरोपी के फरार होने से महिला संबंधी अपराध में लैलूंगा पुलिस द्वारा समयसीमा अवधि के भीतर आरोपी के विरूद्ध फरारी में धारा 173(8) CrPC के तहत चालान पेश किया गया था ।एसडीओपी धरमजयगढ़ द्वारा अनुविभाग के थानों में धारा 173 (8) सीआरपीसी के तहत पेश डायरी किये गये अपराधों में फरार आरोपियों की नये सिरे से पतासाजी कराया गया जिसमें थाना लैलूंगा के हत्या एवं एट्रोसिटी एक्ट के मामले के फरार आरोपी देव प्रसाद राठिया निवासी गुना लैलूंगा के गांव में आने-जाने की जानकारी प्राप्त हुई । मामले में गिरफ्तार किये गये आरोपियों के विरूद्ध लैलूंगा पुलिस द्वारा पूर्व में चालान न्यायालय प्रस्तुत किया गया था । फरार आरोपी देव प्रसाद राठिया की गिरफ्तारी हेतु थाना प्रभारी द्वारा लगातार आरोपी के सकुनत पर दबिश दिया जा रहा था, पुलिस के बढ़ते दबाव में आरोपी द्वारा कल दिनांक 22.12.2023 को माननीय न्यायालय में आत्म सर्मपण के लिये उपस्थित हुआ जिसमें एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा द्वारा माननीय न्यायालय से अनुमति लेकर आरोपी गिरफ्तार कर ज्युडिसियल रिमांड पर जेल दाखिल किया गया। एसडीओपी धरमजयगढ़ दीपक मिश्रा के हमराह आरोपी पतासाजी गिरफ्तारी में थाना प्रभारी लैलूंगा निरीक्षक मोहन भारद्वाज, सहायक उप निरीक्षक चंदन सिंह नेताम, आरक्षक राहुल कुजूर का विशेष योगदान रहा।

क्या था हत्या का मामला-

थाना लैलूंगा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गुनु में 05 अक्टूबर 2022 को गांव के चार युवकों ने मिलकर मामूली झगड़ा विवाद में छिंदखोल गुनु बस्ती के शेखर सिदार (उम्र 26 साल) को हाथ मुक्का, डंडा से मारपीट किये और शेखर को मरा हुआ समझकर बस्ती, गली में छोड़कर भाग गये । आरोपियों को जब शेखर सिदार के जीवित होने का पता चला तो आरोपियों में से एक युवक शेखर के घर गया और उसके घरवालों को शेखर को ठीक होने के लिये दवा (सिरप) पिलाने के बहाने कीटनाशक (पॉइजन) पिलाकर आ गया । आरोपियों की सोची समझी प्लानिंग लैलूंगा पुलिस की मर्ग जांच में धरी की धरी रह गई । मर्ग जांच में पुलिस ने जप्त व्हीसरा का रसायनिक परीक्षण कराया गया जिसकी रिपोर्ट में मृतक को जहरीला पदार्थ (आर्गेनोफास्फोरस कीटनाशक मोनोकोटोफास एवं मिथाईल पैराथियान) नामक जहर पिलाये जाने से मौत होना स्पष्ट हुआ जिसकी पुष्टि मर्ग जांच में हुआ । अपराध विवेचना में आरोपी जलंधर यादव, राम राठिया, देवप्रसाद राठिया, गोपाल यादव चारों शेखर (मृतक) से झगड़ा विवाद कर हाथ-मुक्का, डंडा से मारपीट किये, शेखर जमीन में गिर गया जिसे मरा हुआ समझकर चारों अपने-अपने घर चले गये । बाद में पता चला कि शेखर जीवित है और उसे घरवाले उठाकर घर ले गये हैं । तब शेखर मारपीट को बता ना दें कहकर चारों एक राय होकर आरोपी देव राठिया को शेखर के घर भेजे जो उसे बेहोश होना बताया फिर शेखर को जान से मारने के लिये देवप्रसाद को किटनाशक (जहर) पिला दिया था । आरोपियों को लैलूंगा पुलिस द्वारा हत्या एवं एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया था ।